अंबेडकरनगर ! मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मदिन राम नवमी के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश साहित्य सभा जनपद इकाई अम्बेडकर नगर के तत्वावधान में अखिल भारतीय आनलाइन कवि सम्मेलन कौशल सिंह सूर्यवंशी के संयोजन और तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु के संचालन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम सर्वप्रथम कौशल सिंह सूर्यवंशी के वाग्देवी की वाणी वंदना के साथ शुरू हुआ। इसके बाद कवियों ने अपनी–अपनी रचनाओं से समां बांधा। राजस्थान के वरिष्ठ साहित्यकार सागर मल सर्राफ ने पढ़ा – न खोया खुदी में ख़ुदा क्या मिलेगा , चले ही नहीं तो पता क्या मिलेगा ! डॉ करूणा वर्मा ने पढ़ा– मैं दिल की बात कहती हूं मुझे ये बात कहने दो , भंवर नफ़रत की मिट जाए प्यार की गंगा बहाने दो ! टांडा के युवा कवि प्रदीप मांझी ने पढ़ा–अब राम नाम ही संस्कार बन गए , इस धरा के अलंकार बन गए , अब रग-रग में श्री राम बस गए !! युवा कवि संजय सवेरा ने पढ़ा जहां परिंदें भी महफूज नहीं हैं ऐसा दौर मकानों का आया है , अभी भंवर से निकलें ही थे हम कि फिर दौर तूफानों का आया है। कौशल सिंह सूर्यवंशी ने पढ़ा – दशरथ नंदन थे रघुनंदन , हम सब करते है वंदन ,जिस धरा पर जन्म लिया , है महकती बन चंदन ! तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने पढ़ा – सिया राम का गुणगान करते चलो , मातृभूमि पर अभिमान करते चलो ! जीना आसान नहीं इस दुनिया में , कर्म– धर्म से जीवन का उत्थान करते चलो !! अभिषेक त्रिपाठी ने पढा आज अयोध्या के भाग जगे हैं जो राम के पंकज पाद पधारे , सुंदर सी छवि मोहिनी मूरत सांवली सूरत को न निहारे ! समीर तिवारी , दीपक सिंह ने भी अपनी रचनाओं से भगवान श्रीराम के जीवन दर्शन को प्रस्तुत किया। अंत में जिलाध्यक्ष तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए सभी कवियों आभार व्यक्त किया !
कवि सम्मेलन / राम जन्मोत्सव की खुशियां कवियों की कविताओं में, कर्म–धर्म से जीवन का उत्थान करते चलो – तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु