नाम इश्क़ का है मगर खेल हवस का दिखता है – कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

 


इश्क़ में होने का अर्थ है इबादत की तरह दिल और दिमाग़ केंद्रित होना ! 

मुझे नहीं मालूम तुम्हारे दिल और दिमाग़ में इश्क़ की कौन सी तस्वीर है !!

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इश्क़ में होने का अर्थ है दिल से दिल को लगा लेना ! 

मगर यहाँ तो इश्क़ की परिभाषा कुछ और ही दिखती है !! 

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इश्क़ में होने का अर्थ है मुसीबत सिर पर लेना ! 

इश्क़ की राह कभी आसान नहीं रही दुनिया में !!

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बात करें इश्क़ की तो इबादत का भाव जगना चाहिए !

जिस्म से जिस्म का मिलना इश्क़ की परिभाषा नहीं !!

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अब कहाँ इश्क़ का असली रूप दिखता है दुनिया में ! 

इश्क़ के खिलाड़ी हुस्न की तलाश में घूमते फिरते हैं !! 

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नाम इश्क़ का है मगर खेल हवस का दिखता है ! 

अब भला मैं कैसे कहूँ इश्क़ के पुजारी हो तुम !! 

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इश्क़ करना कोई बच्चों का खेल नहीं दुनिया में ! 

इश्क़ के नाम पर बहुत से बवाल और सवाल हैं !! 

***************तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश ! संपर्क सूत्र – 9450489518

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