एक शर्त है बहाने बनाना अभी से छोड़ दो तुम : : कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

 


बहाने बनाकर कब तक बचते फिरोगे मुझसे !

मेरा दिल और दिमाग़ सच्चाई जान लेता है !!

************************* सच का सामना करना अभी से सीखो !

बहाने बनाना मुसीबतों का आमंत्रण है !!

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हर बार बाप अपना माथा पीट लेता है !

बेटा है कि बहाना छोड़ने को तैयार नहीं !!

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बहाने बनाकर ज़िंदगी में क्या हासिल होगा !

काम का परिणाम काम करने से ही मिलता है !!

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बचपन से ही बहाने बनाने की आदत रही है उसकी !

भला जवानी में घर की ज़िम्मेदारियां पूरी करे कैसे !!

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बाप होकर भी बच्चे की तरह बहाने बनाते हो !

जरा सोचो तुम्हारे बच्चों का भविष्य क्या होगा !!

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ज़िंदगी में हर काम तुम्हारा आसान हो जाएगा !

एक शर्त है बहाने बनाना अभी से छोड़ दो तुम !!

***********तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश !