तुम्हारा आशियाना मेरे लिए किसी जन्नत से कम नहीं --कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु


 अपना आशियाना छोड़ इधर उधर भटकते क्यों हो !

अच्छा है कि अपने आशियाने को स्वर्ग बना लो तुम !!

*************************

तुम्हारे आशियाने की तारीफ करूं तो करूं कैसे !

एक आशियाने को सजाने में उम्र चली जाती है !!

*************************

तुम्हारा आशियाना मेरे लिए किसी जन्नत से कम नहीं !

अपने आशियाने में एक रात हमें ठहरने का मौक़ा दे दो !!

*************************

यूं तो बहुतों के आशियाने देखे हैं इस आँख से मैंने !

मगर तुम्हारे आशियाने की तस्वीर आँखों में बस गई !!

*************************

 कहाँ है मेरा आशियाना मुझे पता ही नहीं !

मेरे आशियाने का पता कौन बताए मुझको !!

*************************

बड़ी मुश्किल से तेरे आशियाने का पता मिला मुझको !

अब यहाँ पहुँच ही आया हूं तो ठहरने की इजाज़त दे दो !!

*************************

तेरे आशियाने का रंग निखर गया मेरे आ जाने से !

अपने आशियाने से मेरा रिश्ता जोड़ क्यों नहीं लेते !!

*************************

मैं अपनी खुशी का पैमाना तुम्हें कैसे बताऊं आखिर !

एक बार मेरे आशियाने आओ तो शायद जान जाओ !!

******************तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !

Popular posts
बस्ती की नई डीएम प्रियंका निरंजन,2013 बैच की आईएएस अफसर है प्रियंका निरंजन।
Image
श्री रामधारी सिंह दिनकर सम्मान से अलंकृत हुए – शिक्षक कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु *****************
Image
परशुरामाचार्य पीठाधीश्वर स्वामी श्री सुदर्शन महाराज द्वारा सम्मानित हुए —कवि डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु
Image
विद्या वाचस्पति मानद उपाधि से विभूषित हुए—कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु
Image
पर्यावरण जागरूकता स्मृति सम्मान से सम्मानित हुए– कवि व मंच संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र
Image