ऐसा लगता है कि सड़क पर रहने और काम करने वाले बच्चो के लिए एक नए कार्य का शुभारम्भ हो चुका है । ये भारत के ऐसे गुमनाम बच्चे है जिनका भविष्य अंधकार में है । ये बच्चे अपनी आवाज बुलंद करने के काम में लगे हुए है ,बच्चो के इस हौसले को देखते हुए सामाजिक संस्था चेतना ने आज 12 अप्रैल को अन्तर्राष्ट्रीय सड़क एवं कामकाजी बच्चों के दिवस के अवसर पर हर वर्ष की तरह इस बार भी स्ट्रीट टॉक का कार्यक्रम आयोजित किया। इस बार इस कार्यक्रम का चौथा संस्करण था, जो कोविड को देखते हुए वर्चुअल तरीके से मनाया गया। इस कार्यक्रम में दिल्ली , नोएडा , गुरुग्राम के बच्चों के साथ - साथ लखनऊ के सड़क एवं कामकाजी बच्चों ने भी भाग लिया, जिसमें उन्होंने अपनी कहानी अपनी ही जुबानी सभी के सामने रखा। उन्होंने बताया कि कैसे उनका जीवन अभाव और कठिनाइयों से शुरू हुआ और फिर चेतना संस्था के संपर्क में आने के बाद उनके जीवन में कैसे बदलाव आया और किस प्रकार वो अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान आज 12 सड़क एव कामकाजी बच्चो ने इस लाइव में अपने जीवन के संघर्ष की कहानी अभिव्यक्ति की , इस अवसर पर सभी बच्चो ने कहा कि यह हमारी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है क्युकी हम बच्चो के पास न ही मीडिया और न ही किसी का सहयोग है ,फिर भी हम सब को आप सब का सहयोग है जिसके माध्यम से हम अपनी बात रख पा रहे है ।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले ज्यादातर बच्चे ऐसे घरो से थे जन्हा पर गरीबी हिंसा ,शराब और पारिवारिक विघटन आम बात है ,जीवित रहने के लिए ये बच्चे भीख मांगना, गाड़ियों को साफ़ करना कचरे के ढेर में खुदाई करना ,जूतों पर पालिके करना व् अन्य कार्य भी करते है , कुछ बच्चे अपने रिश्तेदारों द्वारा स्रामिको की तरह काम करवाने के लिए लाये जाते है और बाद में उन्हें छोड़ दिया जाता है ,जिसकी वजह से वे मादक द्रव्य, हिंसा स्वस्थ्य और स्वछता की कमी की वजह से असामाजिक तत्त्व बन जाते है।
इसके साथ ही साथ लखनऊ के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो के साथ भी वेर्तुअल प्लेटफार्म ज़ूम के माध्यम से इंटरनेशनल स्ट्रीट चिल्ड्रेन डे मनाया गया जिसका उद्देश्य इन सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो के मन में सड़क एव काम काजी बच्चो के प्रति सहानुभूति और सहयोग की भावना को जागरूक करना था इस अवसर पर सभी बच्चो को बताया गया कि ऐसे बच्चे जो की बुनियादी सुविधाओ से वंचित है वह आप ही के समाज के है कभी भी इन बच्चो के साथ ऐसा व्यवहार न करे की इनके मन को चोट पहुचे इनसे कभी भी कोई भेद भाव न रखे इस तरह सभी स्कूली बच्चो को जागरूक किया गया । निदेशक श्री संजय गुप्ता ने कहा की इस समारोह का मुख्य उद्देश्य सड़क एव कामकाजी बच्चो के लिए समर्थन और जागरूकता फैलाना है जिससे की उन्हें एक पहचान मिले और लोग इस बात को समझे की ये बच्चे औरो से अलग नहीं है ।अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
राजेंद्र कुमार(9012640281)