जीवनदान मिले तुमको बस एक यही दुआ है ईश्वर से !
जीवन का सुख संभव है ज़िंदा धरती पर रहने से !!
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जीवनदान की इच्छा लेकर सिर झुका है चरणों में !
मानवता के परम पुजारी सोचो क्या है फ़र्ज़ तुम्हारा !!
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जीवनदान मिला तुमको यही खुशी है हमको !
जग में पूजा जाए तुमको केवल अच्छे कर्मों से !!
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कुछ कर्म तुम्हारे अच्छे थे जो जीवनदान मिला तुमको !
वरना इस अपराध के बदले मौत तुम्हारी निश्चित थी !!
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जब याद तुम्हारी आई मुझको आंख में आंसू मेरे थे !
बात समझ में आए उसको जीवनदान मिला हो जिसको !!
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देकर जीवनदान तुम्हें मैं भी अब आजाद हुआ हूं !
इतनी लंबी उम्र में मुझको ऐसा दृश्य दिखा नहीं !!
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तेरे मेरे जीवन की अब गौरव गाथा कौन सुनेगा !
जीवनदान देकर उसको एक नया इतिहास रचो !!
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मेरा अपना कर्म था ऐसा पाया मैंने जीवन दान !
कलियुग की पीड़ा को बयां करें तो किससे हम !!
******************तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !