मौत का आंकड़ा मत पूछिए इन दिनों साहब !
कोरोना ने तो मौत का अभियान चला रखा है !!
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लॉकडाउन व क्वारंटाइन का नतीजा सबके सामने है !
सौभाग्य है उनका जो बच गए दुर्भाग्य है जो गुजर गए !!
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मौत तो हमेशा भयावह तस्वीर रखती है साथ अपने !
साथ कोरोना का पाकर इन दिनों हो गई और सयानी !!
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कोरोना की रफ़्तार से हैरान था हर कोई यहाँ !
वैक्सीन की खुशी में दहशत कम हुई शायद !!
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मौत हर किसी की ज़िंदगी का अंतिम सच है मगर !
इस सच्चाई का खुशी से सामना आसान नहीं कभी !!
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ज़िंदगी और मौत का फ़ासला बहुत कम है इन दिनों !
साधु संत कहते हैं मौत आएगी तुम्हें नया रूप देने को !!
************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !