सावन के रंग कितने हैं बताना आसान नहीं है इतना !
तुम्हारे दिल में बसने वाला ख़्याल ही सावन का असली रंग है !!
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सावन के फूल खिलते ही लोगों को लुभाने लगते हैं !
देखो तो बड़ा नायाब रंग है इन सावन के फूलों का !!
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सावन की घटाएं अक्सर सवाल करने लगती हैं मुझसे !
कुछ का उत्तर तो आसान होता है मगर कुछ का गूढ़ लगता है !!
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सावन की रिमझिम में मेरा मन मयूर हो जाता है !
मन को कैसे समझाऊं ? मन कहता है मेरी मर्जी !!
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सावन की तमाम खुशबुओं में मेरे दिल के एहसास शामिल हैं !
मगर हर खुशबू तन्हा अपनी किस्मत पर नाज़ करती है !!
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सावन की बारिश में खुलकर नहाने का मजा तो देखिए !
हर एक बूंद में खुशबू का रंग निखरता है तन की खुशबू पाकर !!
************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !