संतकबीरनगर , विशेष संचारी रोग नियन्त्रण माह एवं दस्तक अभियान का शुभारंभ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद पर बुधवार को किया गया। इस दौरान सांसद प्रतिनिधि बहादुर साहनी ने हरी झण्डी दिखाकर प्रचार वाहनों को जिले के विभिन्न भागों में रवाना किया। लोगों को संचारी रोगों तथा जेई-एईएस के बारे में जागरुक करने के लिए निकले इन वाहनों को रवाना करते समय जिलाधिकारी रवीश गुप्त के साथ ही सीएमओ डॉ. हरगोविन्द सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।
इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभियान में जिन विभागों की भी सहभागिता है वह दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते हुए इस अभियान को सफल बनाएं। इससे पहले चलाए गए अभियानों के दौरान भी सभी विभागों ने एकजुटता का परिचय देते हुए अभियान को सफल बनाया है। गांव और नगरों में झाडि़यों की सफाई के साथ ही लार्वीसाइड्स का भी छिड़काव किया जाय ताकि मच्छरों के प्रजनन पर रोक लगाई जा सके जो संचारी रोगों के सबसे बड़े वाहक हैं। सीएमओ डॉ. हरगोविन्द सिंह ने कहा कि कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य कर्मी तथा फ्रण्टलाइन वर्कर्स इस अभियान में जुट जाएं तथा खुद को सुरक्षित रखते हुए इस अभियान को सफल बनाएं। सभी सहयोगी विभागों को जो दायित्व दिया गया है उनके निर्वहन के लिए हमें हर समय तैयार रहना होगा।
कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ. मोहन झा, एसीएमओ वेक्टर बार्न डॉ. वी पी पाण्डेय, संचारी रोग/ सर्विलांस अधिकारी डॉ. ए के सिन्हा, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एसडी ओझा, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी के साथ ही साथ विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।
संचारी रोग से बचने के लिए यह है जरुरी
· बुखार के साथ सिर दर्द , झटके आना, बेहोशी, बोलने में असमर्थता पर एम्बुलेन्स से नजदीकी इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेण्ट सेण्टर भेजा जाय।
· किसी भी अवस्था में बुखार होने पर किसी झोलाछाप के पास न जाएं। न ही मेडिकल स्टोर से दवाएं लें।
· झाड़फूंक के चक्कर में पड़कर समय न नष्ट करें, यह समय बहुत ही जरुरी होता है, इलाज में समय प्रबन्धन जरुरी।
· किसी भी दशा में कोई भी दूषित जल न पीएं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो, इण्डिया मार्का हैण्डपम्प का ही पानी पीएं ।
· पीने वाले पानी को स्वच्छ बनाने के लिए उनका क्लोरिफिकेशन बहुत ही जरुरी है, इसलिए क्लोरीन की गोलियां का सही उपयोग करें।
एसीएमओ वेक्टर बार्न डॉ. वीपी पाण्डेय ने बताया कि आशा कार्यकर्ता गृहभ्रमण के दौरान कुण्डी या दरवाजा नहीं खटखटाएंगी बल्कि लोगों को नाम लेकर बुलाएंगी। साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तौर पर अनुपालन किया जाएगा। कोई भी आशा कार्यकर्ता अभियान से वापस लौटने के बाद हाथों को साबुन से धोकर ही अपने घर के अन्दर जाएगी तथा अपने वस्त्रों को स्वच्छ रखेगी। रास्ते में कहीं या किसी के भी घर कुछ भी खाने पीने की बिल्कुल मनाही है। वह मॉस्क लगाए रखे। साथ ही लोगों को मॉस्क लगाने तथा फिजिकल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने के लिए भी प्रेरित करती रहे।
(जितेंद्र पाठक)