जयपुर: राजस्थान के सियासी घमासान में आज एक और बड़ा मोड़ आया है. यहां राज्यपाल को हटाने के लिए याचिका हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई.
यह याचिका एडवोकेट शांतनु पारीक की ओर से दायर की गई. याचिका में राज्यपाल को हटाने की गुहार लगाई गई है. याचिका का मामला कैबिनेट नोट के बाद भी विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने से जुड़ा है.
राज्यपाल पर संवैधानिक सिद्धांतों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. सुप्रीम कोर्ट के नबाम रेबिया केस फैसले का उल्लंघन बताया गया है. मामले में केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है.
बता दें कि रविवार को राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच, कांग्रेस ने राज्यपाल पर दबाब बनाने और पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य करने का आरोप लगाया था. साथ ही कहा कि, वह केंद्र से आ रहे अपने आका के बयान को हूबहू पढ़ रहे हैं.
कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा, 'राज्यपाल को राज्य सरकार (मंत्रियों की परिषद) की सहायता और सलाह के साथ काम करना होता है, लेकिन वह केंद्र सरकार के अपने आका की ही बात सुन रहे हैं.' कांग्रेस राज्यपाल के रवैये को लेकर भड़की हुई है.