बस्ती 14 जुलाई 2020 सू०वि०, फसल का बीमा न कराने वाले किसान को एक सप्ताह पूर्व अपने किसान क्रेडिट कार्ड के बैंक शाखा को लिखित में सूचित करना अनिवार्य है। उक्त जानकारी सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका ने दी है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होने कहा कि किसान स्वयं बैंक में जाकर उक्त प्रमाण पत्र दे सकते है।
उन्होने कहा कि कोरोना वायरस के कारण सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन किया जाना आवश्यक है। इसलिए किसानो को प्रमाण पत्र भेजने की सुविधा आनलाईन भी दी गयी है। किसान बैंक के ई-मेल पर अथवा बैंक के व्हाट्सएप नम्पर पर प्रमाण पत्र भेज सकते है। इसके अलावा स्थानीय कृषि विभाग के कार्यालय में इसे जमा कर सकते है।
उन्होने सभी बैंक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने बैंक शाखा के बाहर अपना ई-मेल तथा व्हाट्सएप नम्बर प्रदर्शित करते हुए बैनर लगाये। प्रमाण पत्र देने की अन्तिम तिथि 24 जुलाई है। 24 जुलाई तक बैंक में उक्त प्रमाण पत्र जमा न करने पर बैंक केसीसी से वीमा की धनराशि की कटौती कर लेंगे।
केसीसी की प्रगति असंतोषजनक-
सीडीओ ने किसान क्रेडिट कार्ड बनाने की प्रगति पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए बैंकर्स को निर्देश दिया है कि वे एक सप्ताह के अन्दर सभी प्रार्थना पत्रों पर अन्तिम निर्णय लें। उन्होने बताया कि पिछले तीन महीनों में 57 हजार फार्म विभिन्न बैंक शाखाओं मे कृषि विभाग द्वारा जमा किए गये है। इसमें से मात्र 27 हजार ही स्वीकृत हुआ है। किसान क्रेडिट कार्ड बनाने का कुल लक्ष्य 2.90 लाख है।
समीक्षा में उन्होने पाया कि भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 13354 आवेदन के सापेक्ष 4795 पूर्वान्चल ग्रामीण बैंक द्वारा 12418 के सापेक्ष लगभग 2700, सेण्ट्रल बैंक द्वारा 3922 के सापेक्ष 650, बैंक आफ बडौदा द्वारा 498 के सापेक्ष 120 केसीसी आवेदन पत्र स्वीकृत किए गये है।
सीडीओ ने कहा कि सभी बैंको द्वारा आरबीआई के गाईड लाईन का उल्लंघन किया जा रहा है, क्योकि आरबीआई ने किसान क्रेडिट कार्ड 15 दिन के भीतर स्वीकृत/अस्वीकृत करने का निर्देश दिया गया है। उन्होने चेतावनी दिया कि एक सप्ताह में यदि स्थिति में सुधार नही आया तो राज्य स्तरीय समिति को सूचित किया जायेंगा।
ऋण योजनाओं के आवेदन पत्रों की स्वीकृति असंतोषजनक-
सीडीओ ने बैंक अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद, खादी ग्रामोद्योग की रोजगारपरक योजनाओं तथा अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम की स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है। उन्होने कहा कि कोरोना वायरस के कारण देश संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसी स्थिति में देश की अर्थ व्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए बैंकर्स को आगे आना होगा।
उन्होने कहा कि ऋण संबंधी योजनाओं में 30 जून तक लक्ष्य के सापेक्ष सभी आवेदन पत्र स्वीकृत कर वितरित किया जाना था परन्तु अभी तक लक्ष्य पूरा नही किया गया है। उन्होने कहा कि देश के संकट की स्थिति को देखते हुए इन योजनाओ में लक्ष्य से अधिक भी ऋण दिया जाना है। इसके लिए बैंकर्स को रूचि लेकर ऋण आवेदन पत्रों को स्वीकृत एवं वितरित करना होगा।
समीक्षा में उन्होने पाया कि प्रधानमंत्री रोजगार योजना में 42 के सापेक्ष 126 आवेदन पत्र भेजे गये है परन्तु मात्र 06 स्वीकृत किया गया है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 74 के सापेक्ष 106 आवेदन पत्र भेजा गया है। बैंकर्स ने बताया कि उनके द्वारा कुछ ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किए गये है जिसे पोर्टल पर अपलोड नही किया गया है। एक जनपद एक उत्पाद योजना में 40 के सापेक्ष 17 आवेदन पत्र भेजे गये है परन्तु एक भी स्वीकृत नही किए गये है। अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम में 1400 का लक्ष्य है, 875 आवेदन पत्र भेजे गये है मात्र 20 स्वीकृत किए गये है।
सीडीओ ने सभी ऋण आवेदन पत्रों को 15 दिन के भीतर प्रक्रिया पूरी करके स्वीकृत/अस्वीकृत करने का निर्देश दिया है। बैठक का संचालन अर्थ एंव संख्याधिकारी टीपी गुप्ता ने किया। इसमें उपायुक्त उद्योग उदय प्रकाश, सहायक लीड बैंक मैनेजर अरविन्द आनन्द, पूर्वान्चल ग्रामीण बैंक से वीके मिश्रा, समाज कल्याण से रमाशंकर यादव, ग्रामोद्योग अधिकारी एके सिंह, मत्स्य अधिकारी सन्दीप वर्मा तथा विभिन्न बैंको के जिला समन्वयक उपस्थित रहें।
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