राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहा मतभेद अब खुलकर सामने आ गया है. सचिन पालयट ने बगावती तेवर अपना लिया है. उन्होंने कहा कि है कि वो कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं शामिल होंगे. सोमवार सुबह 10.30 बजे विधायक दल की बैठक होनी है.
सचिन पायलट जयपुर नहीं आ रहे हैं. उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी मुलाकात नहीं हुई है. पायलट खेम की ओर से दावा किया जा रहा है कि गहलोत सरकार अल्पमत आ गई है. पायलट ने कहा कि कई निर्दलीय विधायक हमारे साथ हैं. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट समेत 27 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं.
इधर, रविवार रात सीएम गहलोत ने पार्टी विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठकी की. गहलोत खेमे ने 100 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया है. वहीं, बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है कि वो सचिन पायलट के संपर्क में नहीं है. ये कांग्रेस का आंतरिक मामला है.
इससे पहले सचिन पायलट के दोस्त दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे. यहां आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीनों विधायकों ने कहा था कि हमारी आस्था मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में है. हम लोग दिल्ली अपने व्यक्तिगत काम से गए थे. तीनों ने कहा कि सचिन पायलट से पिछले दो दिनों में हमारी कोई बातचीत नहीं हुई है.
क्यों नाराज हुए पायलट
बता दें कि विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की तरफ से डिप्टी सीएम सचिन पायलट को नोटिस भेजे जाने को लेकर उनके खेमे में नाराजगी है. हालांकि इस मसले को लेकर सीएम गहलोत ने सफाई दे दी थी.
सीएम ने ट्वीट करके कहा था, 'एसओजी को जो कांग्रेस विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप, अन्य कुछ मंत्री व विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं. कुछ मीडिया द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है.'