अब रोडवेज की सभी बसें सीधे बाईपास से न होकर शहर के अंदर व कस्बों से होकर गुजरेंगी। इसके पीछे परिवहन निगम की मंशा है कि लॉकडाउन के बाद जहां यात्रियों की संख्या में वृद्धि होकर राजस्व आय में इजाफा होगा, वहीं मुसाफिरों को भी सुविधा मिलने लगेगी। इसके लिए निगम मुख्यालय ने हर हाइवे पर इंटरसेप्टर वाहनों का इंतजाम किया है। ताकि वह सभी बसों को अधिक से अधिक शहर-कस्बों में पहुंचावें।
लॉकडाउन से पहले रोडवेज की अधिकांश बसें हाइवे सेवा ही दे रही थीं। इससे शहर के अंदर स्थापित बस अड्डों व रूटों पर पड़ने वाले अधिकांश कस्बों के लोग हाइवे पर पहुंच कर बस सेवा लेते थे। इधर पहली जून से बसों का आवागमन चालू होने के बाद अधिकांश बसें यात्रियों के इंतजार में बस अड्डों पर ही खड़ी हो जा रही हैं। नतीजा बसों पर आय की अपेक्षा खर्च अधिक बढ़ गया है। ऐसे में निगम मुख्यालय ने सभी चालकों-परिचालकों को हर शहर के अंदर व कस्बों से होकर बसों को चलाने का निर्देश जारी किया है।
बस्ती-गोरखपुर फोरलेन पर बसों की निगरानी के लिए इंटरसेप्टर वाहन को लगाया गया है। इस पर हर 8 घंटे बाद कर्मचारियों की तैनाती की गई है जो 24 घंटे बसों की आवाजाही पर नजर रखेंगे।
- आरपी सिंह, एआरएम बस्ती डिपो