यूपी में फंसे बाहरी मजदूरों के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला,देंगे नौकरी,बनाएंगे जाब कार्ड


लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोनावायरस के चलते राज्य में फंसे बाहर के मजदूरों की सुविधा के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. अब ऐसे मजदूरों को सरकार को नौकरी देगी ताकि उनकी आजीविका पर किसी तरह का कोई असर न पड़े.
इस योजना में मिलेगी नौकरी
योगी सरकार अपने प्रदेश में फंसे बाहरी राज्यों के मजदूरों को अब महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार देगी. प्रदेश के मुख्य सचिव (ग्रामीण विकास) मनोज सिंह ने कहा है कि काफी संख्या में दूसरे प्रदेशों के युवा मजदूर राज्य में फंसे हुए हैं. फिलहाल उनके पास आने-जाने के लिए पैसे भी नहीं है. कोरोना के चलते स्थिति को देखते हुए अब ऐसे युवा श्रमिकों को सरकार मनरेगा के तहत गांवों में रोजगार के साधन उपलब्ध करवाएगी. ऐसे लोगों के जॉब कार्ड जहां पर वो रुके हुए हैं, वहीं बनेंगे, .
20 अप्रैल से शुरू कर सकता है काम
केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल से गांवों में मनरेगा के तहत काम शुरू करने का आदेश दे दिया है. सरकार के इस कदम से गांवों में लोगों के पास पैसे आने शुरू हो जाएंगे, जिससे वो अपनी आजीविका को आसानी से चला सकेंगे. अगर किसी व्यक्ति का जॉब कार्ड खो गया है तो फिर उस व्यक्ति के परिवार के लिए नया जॉब कार्ड जारी होगा.
ग्राम पंचायत में बनेंगे जॉब कार्ड
ग्राम पंचायतों में आदिवासी समुदाय के अलावा विधवाओं और दिव्यांगों के भी कार्ड बनेंगे. प्रदेश में मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी को 182 रुपये से बढ़ाकर के 201 रुपये कर दिया गया है.
केंद्रीय श्रम मंत्री ने राज्यों को लिखा पत्र
केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा है कि वो लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों और मजदूरों की समस्याओं से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए नियंत्रण कक्षों के साथ समन्वय करने के लिए राज्य स्तर पर श्रम विभाग से नोडल अधिकारियों को नामित करें. इससे श्रमिकों और मजदूरों की समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी.
श्रमिकों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य मिल कर काम करेंगे
केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों को लिखे गए पत्र में कहा है कि राज्यों की ओर से नामित किए गए नोडल अधिकारियों को केंद्र की ओर से बनाए गए 20 नियंत्रण कक्षों के बारे में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि श्रमिकों की समस्याओं को हल करने के लिए केंद्र और राज्यों को मिल कर काम करने की जरूरत है.