नई दिल्ली: कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे देशभर के स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमला करने वालों की अब खैर नहीं है. मोदी सरकार एक ऐसा अध्यादेश लाई है जिसके मुताबिक मेडिकल टीम पर हमला करने के दोषियों को 3 महीने से 5 साल की सजा होगी. यही नहीं अगर मेडिकल टीम पर गंभीर किस्म का हमला हुआ तो 6 महीने से 7 साल तक की सजा होगी. सरकार ने साफ कर दिया गया है अगर किसी डॉक्टर की गाड़ी या क्लीनिक पर हमला होता है तो नुकसान के बाजार भाव से दोगुना हर्जाना वसूला जाएगा.केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने यह जानकारी दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें सरकार ने एक अध्यादेश के जरिये यह फैसला किया. कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने ऐलान किया कि देश में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले को गैर-जमानती अपराध माना जाएगा.
स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला मामलों पर सरकार अध्यादेश लेकर आई है. केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि राष्ट्रीय महामारी कानून के तहत अध्यादेश लागू किया जाएगा जिसके तहत डॉक्टरों पर हमला गैरजमानती अपराध होगा. 30 दिन में जांच पूरी होगी. एक साल में फैसला आ जाएगा और कड़ी सजा यानी 3 महीने से 5 साल कैद की सजा हो सकती है. 50 हार से 2 लाख तक जुर्माना देना पड़ सकता है.
10 प्वॉइंट में समझें:
1. मेडिकल टीम पर हमला करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी.
2. मेडिकल टीम पर हमला गैरजमानती अपराध होगा.
3. हमले से जुड़े मामलों पर 1 साल के अंदर फैसला आएगा.
4. दोषियों को 3 महीने से 5 साल की सजा मिलेगी.
5. हमले के गंभीर अपराध पर 6 महीने से 7 साल की सजा.
6. पीड़ित को 50 हजार से 2 लाख मुआवजे का प्रावधान है.
7. हमलावरों पर 1 लाख से 7 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा.
8. डॉक्टरों पर हमला करने और तोड़फोड़ करनेवालों को भी सजा.
9. गाड़ी और क्लीनिक को नुकसान पहुंचाने पर दोगुना हर्जाना.
10. स्वास्थ्यकर्मियों पर सरकार अध्यादेश लेकर आई.