नई दिल्ली: कोरोना वायरस पर दुनियाभर की रिपोर्ट यही बताती है कि चीन ने खेल बड़ा खेला है. चीन कोरोना वायरस पर उतना पाक साफ नहीं है जितना कि वो जताता और बताता है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि चीन को इसकी सज़ा नहीं मिल रही है. नई खबर ये है कि चीन में कोरोना पार्ट टू शुरू हो चुका है और चीन में कोरोना पार्ट टू से दहशत बढ़ गई है. चीन में लॉकडाउन ख़त्म होने का जश्न मन रहा था कि हुबेई प्रांत में फिर से सुनाई कोरोना की दहशत देने लगी.
चीन ने कोरोना वायरस को दुनिया में फैलाया या नहीं, ये एक सवाल है, लेकिन ये भी सच है कि कोरोना वायरस चीन के पीछे पड़ चुका है. चीन में फिर से कोरोना की दहशत सुनाई दे रही है. चीन से आई बड़ी खबर ये है कि चीन में एक दिन में कोरोना वायरस के 100 नए मामले सामने आए. इन 100 मरीज़ों में से 63 लोग ऐसे हैं जिनमें संक्रमण की पुष्टि तो हुई लेकिन कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए और यही बात अब पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण बन गया है. चीन में कोरोना वायरस का बिल्कुल नया रूप सामने आया है
इस बार का कोरोना वायरस अपने लक्षण छुपा ले जा रहा है. इंसान को ना सर्दी हो रही है ना खांसी, ना ज़ुकाम ना बुखार और व्यक्ति कोरोना की चपेट में आ रहा है. सिर्फ चीन ही नहीं, इसी तरह से दक्षिण कोरिया जहां के लिए ये कहा जाता है कि इस देश ने कोरोना पर पूरी तरह से काबू पा लिया, यहां भी उन मरीज़ों को कोरोना के संक्रमण दोबारा हो रहे हैं, जिनकी रिपोर्ट दो-दो बार निगेटिव आ चुकी है और जापान में भी ऐसे ही मामले अब सामने आ रहे हैं, और कोरोना वायरस को लेकर ये जानकारी वाकई डराने वाली है.
हम इसीलिए आपसे बार-बार अपील कर रहे हैं कि गंभीरता को समझिए. कोरोना वायरस को हल्के में कतई मत लीजिए. हम कोरोना वायरस की चेन को तभी तोड़ पाएंगे जब लॉकडाउन के नियमों का पालन ठीक से करेंगे. लक्ष्मण रेखा नहीं लांघेंगे और तभी हम आप मिलकर कोरोना को हरा पाएंगे.
चमगादड़ों पर रिसर्च नहीं करेगा अमेरिका
चीन ने इतने हंगामे के बाद भी आज तक ये नहीं कहा कि अब वो चमगादड़ों पर रिसर्च नहीं करेगा लेकिन अमेरिका ने फैसला ले लिया है. अमेरिका में ट्रंप सरकार ने सभी वैज्ञानिकों को निर्देश जारी कर 'कोरोना काल' में चमगादड़ों या दूसरे जानवरों पर रिसर्च ना करने के निर्देश दिए हैं. रिसर्च से जुड़े वैज्ञानिकों को ई-मेल के ज़रिये जानकारी दी गई. अमेरिकी सरकार ने सभी संबंधित वैज्ञानिकों से कहा कि इस तरह के प्रोजेक्ट से वायरस इंसान से जानवरों में पहुंच सकता है और वायरस के प्रभावों को कम करने के प्रयासों पर संकट खड़ा हो सकता है. अमेरिका में हालात और भी ख़राब हो सकते हैं.