बस्ती।1576 आईटीआई ट्रेनीज़ ने आरोग्य सेतु एप का सुरक्षा कवच अपनाया है। व्यायसायिक शिक्षा विभाग के जेडी सहित 65 स्टॉफ ने भी एप डाउनलोड किया है। केवल नौ वही कर्मचारी बचे हैं, जिनके पास ऐंड्रॉयड फोन नहीं है। किसी विभाग में इस एप को डाउनलोड करने वालों की यह सबसे बड़ी संख्या बताई जा रही है। राजकीय आईटीआई के प्रिंसिपल व ज़िले के नोडल अधिकारी पीके श्रीवास्तव ने बताया की कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी लोगों से यह एप अपने मोबाइल में डाउनलोड करने को कहा था।
इसी क्रम में निदेशक व्यायसायिक शिक्षा ने एक सर्कुलर जारी कर सभी स्टॉफ व ट्रेनी को एप डाउनलोड करने को निर्देशित किया था। इसके बाद सभी लोगों को इस एप के फायदे बताते हुए उन्हें इसे डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया गया। स्टॉफ व ट्रेनीज़ में इस एप को लेकर काफी उत्साह दिखा। ज़िले की चार राजकीय आईटीआई के ज़्यादातर स्टॉफ व ट्रेनीज़ इससे जुड़ चुके हैं, और इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
निजी संस्थानों में भी उत्साह
आरोग्य सेतु एप को लेकर निजी आईटीआई में भी उत्साह देखा जा रहा है। वहां के स्टॉफ अपने यहां प्रशिक्षण हासिल कर रहे ट्रेनीज़ को फोन करके एप डाउनलोड करने को कह रहे है। लगभग 500 स्टॉफ व ट्रेनीज़ इसे डाउनलोड भी कर चुके हैं। संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। नोडल पीके श्रीवास्तव ने बताया की शतप्रतिशत स्टॉफ व ट्रेनीज़ द्वारा इसे अपनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
ऐसे करेगा सतर्क एप
एप डाउनलोड करने पर यह शुरुआत में मांगी गई जानकारी के आधार पर आपको बताएगा की कोरोना का कितना खतरा है। आप के संपर्क में आने वाला कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाता है और उसने भी एप डाउनलोड कर रखा है, तो आपको नोटिफिकेशन के ज़रिए एप सतर्क कर देगा। एप आपके ट्रेवल हिस्ट्री पर भी नज़र रखेगा। ध्यान रहे आपका डाटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। 11 भाषाओं में काम करने वाले इस एप के दो खास फीचर्स हैं। पहला यह की इसमें राज्यवार कोरोना हेल्प सेन्टर्स के नम्बर की लिस्ट मौजूद है। दूसरा इसमें सेल्फ असेसमेंट की सुविधा है। आप इसकी सहायता से जान सकते हैं की आपको संक्रमण का खतरा है या नहीं। कोरोना के सिम्टम्स दिखने पर यह सेल्फ आइसोलेट के लिए सचेत भी करता है।